Chilman by Pallavi Nahar
by Pallavi Nahar
Chilman
by Pallavi Nahar
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काव्य अपने मन को व्यक्त करने एक बेहतर माध्यम होता है| यहाँ रहने वाला हर इंसान एक जैसी ही परिस्थितियों से गुजरता है| जैसे सब की ख़ुशियाँ और दुःख एक जैसे हों| जैसे हम चल एक ही रास्ते पर रहे हों लेकिन मंज़िल अलग-अलग हो| कुछ ऐसे ही भावों से भरी यह क़िताब आपको अपने ख़ुद के कुछ पल याद कराएगी| उम्र तेरे साथ बसर हो ये ज़रूरी तो नहीं हर रात की सहर हो ये ज़रूरी तो नहीं तू मेरे दिल में धड़कन की तरह शामिल है मैं भी यूँ ही तेरे दिल में रहूँ ये ज़रूरी तो नहीं कुछ दिन तो साथ चलो जब साथ हो ए मेरे दोस्त कल भी आज की तरह हो ये ज़रूरी तो नहीं|
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- Format/Binding Paperback
- Book Condition New New
- Jacket Condition New
- Quantity Available 4
- Edition 1
- Binding Paperback
- ISBN 10 9388202414
- ISBN 13 9789388202411
- Publisher Rajmangal Publishers
- Keywords Chilmam, Rajmangal Prakashan, Hindi Books,
- Imprint Rajmangal Prakashan